चंद्र ग्रहण आज, कई राशियों पर पड़ेगा बुरा असर:राजस्थान के ज्योतिषी बोले- ये संयोग बहुत अशुभ, जानिए- आप पर क्या होगा प्रभाव

चंद्र ग्रहण आज,  कई राशियों पर पड़ेगा बुरा असर:राजस्थान के ज्योतिषी बोले- ये संयोग बहुत अशुभ, जानिए- आप पर क्या होगा प्रभाव

 महीने की पूर्णिमा पर आज चंद्र ग्रहण लगेगा। जयपुर में शाम 5.37 बजे से ग्रहण लगेगा। 15 दिन बाद यह दूसरा ग्रहण लग रहा है। यह इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी है। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल राजस्थान समेत पूरे देश में रहेगा। Chandr Grahan

सूतक चंद्र ग्रहण लगने से करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, जो सुबह 6.45 से शुरू हो चुका है। यह शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। सभी 12 राशियों पर इस चंद्र ग्रहण का बुरा और अच्छा दोनों तरह का असर पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक 4 राशियों पर अच्छा और 8 राशियों पर ग्रहण का बुरा असर पड़ेगा।

चंद्र ग्रहण होने से लूटपाट,चोरी और अग्निकांड की घटनाएं बढ़ेंगी। सर्दी के मौसम में रबी की फ़सलों में बीमारी का प्रकोप बढ़ेगा। राजनेताओं में खींचतान बढ़ेगी। ग्रहण के समय चन्द्र और राहु का सूर्य, बुद्ध, शुक्र, केतु से सम-सप्तक योग बनने से प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की हानि हो सकती है। धातु (मेटल) और रस पदार्थों में तेजी आएगी।Chandr Grahan

चंद्र ग्रहण आज, 8 राशियों पर पड़ेगा बुरा असर:राजस्थान के ज्योतिषी बोले- ये संयोग बहुत अशुभ, जानिए- आप पर क्या होगा प्रभाव

मंदिरों के पट बंद रहेंगे

Table of Contents

  • मंदिरों के पट बंद रहेंगे
  • चंद्रग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ, विनाशकारी योग बन रहा
  • सूतक काल सुबह 6.45 बजे से शुरू होगा
  • चंद्र ग्रहण में ये कार्य नहीं करें Chandr Grahan 
  • 4 राशियों पर ग्रहण का शुभ प्रभाव
  • 8 राशियों पर ग्रहण का बुरा असर पड़ेगा Chandr Grahan 
  • जयपुर में शाम 5.37 बजे चंद्रोदय के साथ ग्रहण
  • चंद्र ग्रहण लगने का यह है वैज्ञानिक कारण Chandr Grahan 
  • सूतककाल के दौरान प्रदेश के ज्यादातर मंदिरों के पट बंद हैं। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर दौसा के पट भी बंद रहेंगे। महंत नरेशपुरी महाराज के सान्निध्य में भजन,कीर्तन और विशेष हवन किया जाएगा। सीकर के खाटूश्यामजी मंदिर में भी पट बंद रहेंगे। बुधवार को श्यामबाबा का श्रृंगार होगा।

इसलिए सुबह 4.30 से 5 बजे तक मंदिर पट बंद रहेंगे। शाम को दर्शन के लिए पट खुलेंगे। अजमेर के पुष्कर में ब्रह्माजी मंदिर में सुबह 3.15 बजे की मंगला आरती के बाद से सुबह 5.53 बजे मंदिर पट बंद कर दिए जाएंगे। शाम 6.19 बजे सूतक समाप्त होने पर ही शुद्धिकरण के बाद शाम 7.30 बजे पट खुलेंगे।

पुष्कर मेला भी कार्तिक स्नान के बाद खत्म हो जाएगा। सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर में सुबह 8 बजे पट बंद होंगे। मंदिर बुधवार सुबह खुलेगा। टोंक के डिग्गी कल्याण मंदिर में सुबह 5.15 बजे पट बंद हो जाएंगे। ग्रहण काल पूरा होने पर शुद्धिकरण के बाद पट खोले जाएंगे।

चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर के पट भी दिनभर नहीं खुलेंगे। ग्रहण काल खत्म होने के बाद शुद्धिकरण कर संध्या की आरती के समय दर्शन होंगे। रात 8 बजे से रात 11 बजे तक दर्शन होंगे।

नागौर के बूटाटी धाम में संत चतुरदास महाराज मंदिर के पट दोपहर 2.30 बजे से बुधवार सुबह 4 बजे तक बंद रहेंगे। Chandr Grahan

चंद्रग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ, विनाशकारी योग बन रहा

ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान के अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है।

ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राहु आमने-सामने होंगे। ऐसे में भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है। इसके अलावा शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रही है।

चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ माना जा रहा है। वहीं, शनि और मंगल के आमने-सामने होने की वजह से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग भी बन रहा है। ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है। चंद्र ग्रहण के समय मंगल और बृहस्पति जैसे प्रमुख ग्रह वक्री अवस्था में रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में किसी ग्रह के वक्री होने का मतलब उसकी उल्टी चाल से होता है। Chandr Grahan

सूतक काल सुबह 6.45 बजे से शुरू होगा

पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार इसका सूतक काल सुबह 6:45 सूर्योदय के साथ ही शुरू हो गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूतक शुरू होने के बाद बच्चों, बुजुर्ग और बीमार लोगों को छोड़कर भोजन नहीं करना चाहिए। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही है। यह चंद्र ग्रहण दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो शाम 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का मध्य शाम 4 बजकर 29 मिनट पर होगा। Chandr Grahan

चंद्र ग्रहण में ये कार्य नहीं करें Chandr Grahan 

चंद्र ग्रहण और इसके सूतक काल में कुछ खास गलतियां करने से बचना चाहिए। इसमें भगवान का पूजा-पाठ वर्जित होता है। ग्रहण या सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए। तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ग्रहण काल में भोजन करने या सोने की भी मनाही होती है। चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। इसमें काटने, छीलने या सिलाई का काम भी नहीं करना चाहिए। नुकीले या तेजधार वाले औजारों के इस्तेमाल की भी मनाही होती है। Chandr Grahan

4 राशियों पर ग्रहण का शुभ प्रभाव

राशि    ग्रहण का प्रभाव

मिथुन    आपके लिए चंद्र ग्रहण उन्नति वाला और लाभदायक रहेगा। नौकरी में तरक्की। काम-धंधे में प्रोग्रेस हो सकती है। शुभ फल मिलेंगे और करियर-कारोबार में अच्छा फायदा हो सकता है।

कर्क    जो काम करेंगे सफलता मिलेगी। मेहनत का अच्छा फल मिलेगा। घर-परिवार और बाहर सुख और वैभव मिलेगा। आपको मान-सम्मान मिलेगा।

वृश्चिक    कार्य सिद्धि होगी। जो भी काम सोच-समझकर और मित्रों-परिवार की राय से करेंगे उसमें फायदा होगा। जमीन,मकान, वाहन और नई नौकरी मिलने के भी योग हैं। लेकिन धैर्य बनाए रखना होगा।

कुंभ    धन लाभ और सौभाग्य में वृद्धि के योग हैं। किसी से अटका हुआ पैसा मिल सकता है। उधार दिया पैसा आने के योग हैं। भाग्य में बढ़ोतरी होगी।

8 राशियों पर ग्रहण का बुरा असर पड़ेगा Chandr Grahan 

राशि    ग्रहण का प्रभाव

मेष–    यह चंद्रग्रहण आपके लिए दुर्घटना और भय का कारण बन सकता है। ग्रहण अशुभ और हानि पहुंचाने वाला रहेगा। इसलिए वाहन चलाते समय, ऊंचाई पर और जोखिम भरे काम करते वक्त सतर्क रहें।

वृषभ    धन हानि हो सकती है। मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है। फिर भी मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा। इसलिए चिन्ता या अवसाद में ना जाएं।

सिंह    मानहानि हो सकती है। किसी चीज का डर सता सकता है। संयम रखें। कोई नया काम करने से टालें।

कन्या–    शारीरिक कष्ट सहने पड़ सकते हैं। शरीर में पुरानी बीमारी उभरकर सामने आ सकती है। चोट-फीट से बचकर रहें। दुर्घटना या लड़ाई-झगड़ा हो सकता है। सावधानी रखें और संयमित बोलें।

तुला    दाम्पत्य जीवन में कष्ट हो सकता है। परिवार में परेशानियां आ सकती हैं। धन हानि होने से आपके काम बिगड़ सकते हैं। पति-पत्नी एक दूसरे से आदर और सम्मान से व्यवहार करें। आपस में कोई ठेस पहुंचाने वाली बात ना कहें। ईष्ट देव का ध्यान करें। Chandr Grahan

धनु–    चिंता और पीड़ा का योग बन रहा है। आपको सेहत संबंधित कुछ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। बिजनेस, परिवार, बच्चों की चिन्ता हो सकती है। किसी से धमकी मिल सकती है। गुस्सा नहीं करना है। अपने आराध्य का ध्यान करना है। दान-पुण्य का लाभ मिलेगा।

मकर    रोग और भय का योग है। मुकदमे में हार का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस थाने और कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ें, ऐसे काम कतई ना करें। सबसे अच्छा व्यवहार करें। खान-पान और हाईजीन का विशेष ध्यान रखें।

मीन    आपका खर्चा बढ़ेगा,आर्थिक हानि हो सकती है। किसी अपात्र व्यक्ति को उधार ना दें। वरना बड़ा नुकसान होने की संभावना है। अभी निवेश के लिए समय ठीक नहीं है। भूमि-भवन की खरीद को फिलहाल टालें।

जयपुर में शाम 5.37 बजे चंद्रोदय के साथ ग्रहण

ज्योतिषाचार्यों और धर्माचार्यों में चंद्र ग्रहण के सूतक को लेकर मतों का अंतर भी है। जयपुर में चंद्रोदय शाम 5.37 बजे से हैं। राजस्थान में उससे लगभग 9 घंटे पहले सूतक इस आधार पर प्रभावी होने की बात भी धर्माचार्य कह रहे हैं। इस आधार पर सूतक सुबह 8.37 बजे लगेगा। लेकिन ज्यादातर ज्योतिषाचार्य सुबह 6.45 बजे से सूतक काल प्रभावी मान रहे हैं।Chandr Grahan

धर्माचार्य (पीएचडी यजुर्वेद) डॉ प्रशांत शर्मा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा 8 नवम्बर को खग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा। जिसका समय 2.39 बजे से शाम 6.19 बजे तक रहेगा। देशकाल के आधार पर चंद्रोदय समय के आधार पर चंद्र ग्रहण समय की गणना की जाएगी।

भूमण्डल आधारित समय के अनुसार सूतक 9 घंटे पहले सुबह 6 बजे पहले ही शुरू हो जाएगा, लेकिन जयपुर में चंद्रोदय शाम 5.37 बजे है। उस आधार पर जयपुर में सूतक समय सुबह 8.37 पर शुरू होगा। ग्रहण काल में पूजन, जप किए जा सकते हैं। लेकिन विग्रह, स्पर्श, प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। अपने ईष्ट की पूजा और जप ज्यादा से ज्यादा करके फल की प्राप्ति की जा सकती है।Chandr Grahan

चंद्र ग्रहण लगने का यह है वैज्ञानिक कारण Chandr Grahan 

”चंद्रमा लगातार पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रही है,साथ ही अपनी धुरी पर भी घूम रही है। चंद्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं है। वह सूर्य के प्रकाश से ही रोशन होता है। चंद्रमा सूर्य की रोशनी की ही रिफ्लेक्ट करता है। जिससे हमें चांद चमकता हुआ दिखाई देता है। जब कभी सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है।

तो पृथ्वी के जिस हिस्से पर हम रहते हैं, वहां से चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी के पीछे ओट में छिप जाता है। ऐसा तब होता है जब सूर्य,पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीध में आ जाते हैं। यह पूरी तरह प्राकृतिक खगोलीय घटना है। इस नजारे को हम पृथ्वी से खुली आंखों से देख सकते हैं। टेलिस्कोपिक लेंस या दूरबीन के जरिए भी इस घटना को देखा जा सकता है।”Chandr Grahan  Chandr Grahan

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